मौत आखिर मौत होती है चाहे कोरोनावायरस से हो या भूख से



नई दिल्ली । मौत आखिर मौत होती है वह चाहे दंगे में हो या कोरोना वायरस से हो ,या भूख से हो, या अत्याधिक पैदल चलने से हो ,सरकार की नजर में यह सारी मौतें भले ही अलग-अलग हो। लेकिन मानवीय पहलुओं पर जब भी बात होगी तो इन सब मौतों का एक मानव को दुख होगा।  जिसके अंदर मानवता जिंदा होगी उसकी तो आत्मा अत्यधिक परेशान हो जाएगी।  अब बात करते हैं कोरोना वायरस के फैलने के बारे में कोरोना वायरस चाइना में सबसे पहले दिखाई दिया इसके बाद दुनिया के अन्य देशों में इसका संक्रमण फैलने लगा ।  जैसे ही अन्य देशों में इसके संक्रमण से मौतें होने लगी और जब इटली में यह अत्यधिक मौते होने लगी तो भारत में पहली बार 1 दिन का कर्फ्यू लागू किया गया।  उसके बाद 21 दिन का कर्फ्यू ,लॉक डाउन पूरे भारत में चल रहा है । जब लोक डाउन हुआ तो जो लोग जहां थे उनसे कहा गया कि वही पर रहे और इस तरह से किसी शहर या गांव या किसी धार्मिक स्थल में जो लोग फंसे हुए थे वहीं के वहीं फंस गए।  मुद्दा बनाने वाला मीडिया और नफरत पैदा करके हिंदू-मुस्लिम करने वाला मीडिया तबलीगी जमात के मरकज में फंसे हुए लोगों को कोरोना जेहादी कहकर बदनाम कर रहा है बोलो जरा तबलीगी जमात की अतीत पर नजर डालें और इनकी गतिविधियों पर भी नजर डालें यह तो वह लोग हैं जो इंसान को खुदा की ओर जोड़ने के लिए कार्यरत रहते हैं और कहते हैं की दुनिया की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में कुछ समय इबादत के लिए निकालकर उस खुदा परम परमेश्वर को भी याद गिर कर लिया जाए जिसने हमें बनाया है ,इन जमात वालों का किसी राजनीतिक दल से कोई लेना देना नहीं होता है।  जो मीडिया इस कोरोना वायरस को हिंदू-मुस्लिम कर रहा हैउसके अतीत पर नजर डालें  तो आपको पता चल जाएगा  कि वह मानवता के लिए कितना व्याकुल है और वह कृपया से परेशान हाल लोग जिनकी नौकरी छूट गई और जिन लोगों ने आत्महत्या कर ली  और जिनके कारोबार तबाह बर्बाद हो गए  जिनकी जिंदगी है उजड़ गई  उनके बारे में कितने घंटे न्यूज़ चलाता है  और जो देश के  75 परसेंट संसाधनों पर कब्जा किए हुए बैठे हैं उन लोगों के बारे में कितने घंटे न्यूज़ चलती है  यह देखने वाली बात है। क्या वायरस भी हिंदू और मुस्लिम के आधार पर लोगों के साथ इसी तरह से मामला करता है कि किसी आदमी को छोड़ देता है और किसी को मार देता है?  बल्कि नहीं और किसी परीक्षण में इस तरह की बात अभी तक तो साबित नहीं हुई है तो फिर जो लोग इस कोरोना वायरस को हराने के लिए तबलीगी जमात के मरकज को मुद्दा बनाकर दिन रात एक ही राग अलाप रहे हैं तो वह क्या साबित करना चाहते हैं ? अभी पिछले दिनों दिल्ली में जो दंगे हुए उन दंगों में कितने लोग मारे गए, कितने लोगों के घर जला दिए गए, और कितने लोग बेघर हो गए और आज भी वह दर - बदर की जिंदगी गुजार रहे हैं, भीख मांगने पर मजबूर हैं और अब कोरोनावायरस की वजह से उन लोगों के सामने भूख से मरने का संकट है तो हमारी मानवीय आधार पर एक अपील है की कोरोनावायरस को हिंदू मुस्लिम में मत बांटिऐ  इतना बड़ा अपराध  मत करिए। वरना  आने वाली नस्लें तुम्हें माफ नही करेंगी ।सरकारों का क्या है सरकारें तो आएंगी जाएंगी । लेकिन मानवता को बचाने के लिए आज भूखे लोगों को खाना खिलाने की जरूरत है। जो फंसे हुए लोग हैं उन्हें सही स्थान पर पहुंचाने की जरूरत है और उनकी सहायता करने की जरूरत है।